फिरोजाबाद (शिकोहाबाद)। कांच नगरी स्थित जेएस यूनिवर्सिटी के नाम से फर्जी डिग्रियां जारी करने का मामला फिर चर्चा में आ गया है। राजस्थान एटीएस/एसओजी की टीम ने इस केस में वांछित रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा की तलाश में आगरा और आसपास के इलाकों में तीन दिन तक डेरा डालने के बाद शुक्रवार को उन्हें हिरासत में लिया। रजिस्ट्रार को पूछताछ के लिए जयपुर ले जाया गया है।
फर्जी डिग्री का मामला और रजिस्ट्रार की गिरफ्तारी
जेएस यूनिवर्सिटी में मेहराबाग कॉलोनी निवासी नंदन मिश्रा रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत थे। करीब एक साल पहले जयपुर में यूनिवर्सिटी के नाम से फर्जी डिग्रियां जारी करने का मामला सामने आया था। यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति ने इस मामले में एक पूर्व कंप्यूटर ऑपरेटर पर फर्जी डिग्रियां तैयार करने का आरोप लगाया था। इस संबंध में जयपुर के एसओजी थाने में केस दर्ज किया गया था। मामला आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत पंजीकृत है।
पिछले कुछ महीनों से जयपुर एसओजी की टीम रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा की तलाश कर रही थी। शुक्रवार को एसआई यशवंत सिंह के नेतृत्व में टीम ने शिकोहाबाद पहुंचकर रजिस्ट्रार को गिरफ्तार कर लिया। स्थानीय थाना पुलिस को सूचना देने के बाद आरोपी को जयपुर ले जाया गया।
आगरा, मक्खनपुर, और शिकोहाबाद में तलाशी अभियान
जयपुर एसओजी टीम पिछले तीन दिनों से आगरा, मक्खनपुर और शिकोहाबाद में तलाशी अभियान चला रही थी। शुक्रवार को शिकोहाबाद से रजिस्ट्रार की गिरफ्तारी के बाद टीम ने पुष्टि की कि नंदन मिश्रा इस मामले में वांछित थे। जांच के दौरान कई अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की जा रही है।
फर्जी डिग्रियों से सरकारी नौकरी
बताया जा रहा है कि जेएस यूनिवर्सिटी के नाम से जारी फर्जी डिग्रियों के आधार पर कई लोग सरकारी नौकरियां हासिल कर चुके हैं। इस मामले में दर्ज केस की जांच जारी है। रजिस्ट्रार के अलावा अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ के लिए जयपुर बुलाया जाएगा।
यह गिरफ्तारी फर्जी डिग्री मामले में जारी कार्रवाई का अहम कदम मानी जा रही है। राजस्थान एसओजी इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए जुटी हुई है।