आमतौर पर हिमालय, पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश में पाया जाने वाला यह दुर्लभ पक्षी जो कि आकार में छोटा और सुगठित होता है. यह पक्षी उड़ते हुए कीड़ों, मछलियों को अपना शिकार बनाता है. इसे यूपी के पीलीभीत के जंगलों में पहली बार देखा गया है.
पीलीभीत टाइगर रिजर्व बाघ, तेंदुएं के लिए प्रसिद्ध है लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व की जैव विविधता और अच्छी जलवायु बाघ-तेंदुओं के साथ साथ अब दुर्लभ पक्षियों को अच्छा लगने लगा है. बाघों की बढ़ती संख्या को लेकर विश्व पटल पर पहचान बना चुके तराई के इस जंगल में कई अन्य तरह के पक्षियों की प्रजातियां भी देखी जा रही है. अभी तक पीलीभीत में 350 से अधिक प्रजाति के पक्षी रिकॉर्ड में दर्ज है. लेकिन पीलीभीत के युवा पक्षी प्रेमी ने एक ऐसे पक्षी की प्रजाति को खोजा है, जो आज तक यूपी में देखा ही नहीं गया है .
पीलीभीत टाईगर रिजर्व में पक्षियों और तितलियों की भी 350 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. पक्षी प्रेमी अख्तर मियां खां ने लिटिल पाइड फ्लाईकैचर को पीलीभीत के जंगल में देखा और अपने कैमरे में कैद भी किया.अख्तर लंबे अरसे से पक्षियों के क्षेत्र में काम करते आ रहे हैं.
पीलीभीत टाईगर रिजर्व में पहली बार देखा गया लिटिल पाइड फ्लाईकैचर
लिटिल पाइड फ्लाईकैचर मुख्यतः हिमालय और दक्षिण-पूर्व एशिया के उपोष्णकटिबंधीय या उष्णकटिबंधीय नम जंगलों में पाया जाता है. यह पक्षी उड़ने वाले कीड़ों को पकड़ता है. यह पक्षी आमतौर पर उत्तर प्रदेश में नहीं पाया जाता है. लेकिन इसे पहली बार इस फरवरी में पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे हुए हिस्से में देखा गया है.