अनाथालय के बाहर मिली मासूम बच्ची: सर्द रात में अपनों का इंतजार, कपड़ों की पोटली ही सहारा
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले समाज का दर्दनाक चेहरा सामने आया। गुरुवार रात, बालूगंज स्थित अनाथालय के बाहर एक दो साल की मासूम बच्ची को छोड़ दिया गया। वह वॉकर में बैठी अपने अपनों की राह देख रही थी, और उसके कपड़े पोटली में बांधकर पास में रखे गए थे। चौकीदार अमर सिंह ने बच्ची को देखकर आश्रम प्रबंधन को सूचित किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को शाहगंज स्थित बालगृह में आश्रय दिलाया।
अपना नाम तक नहीं बता पा रही मासूम
थाना रकाबगंज प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि रात करीब 9 बजे सूचना मिली कि प्रेम सदन आश्रम के गेट पर एक बच्ची मिली है। बच्ची न तो अपना नाम बता पा रही है और न ही ढंग से बोलने में सक्षम है। आश्रम में बड़े बच्चों को आश्रय दिया जाता है, लेकिन छोटे बच्चों को वहां नहीं रखा जा सकता। महिला पुलिसकर्मी बच्ची को गोद में लेकर शाहगंज स्थित बालगृह पहुंचीं। बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने के बाद सुरक्षित आश्रय दिलाया गया।
कौन हैं बच्ची के माता-पिता?
पुलिस बच्ची के माता-पिता की तलाश कर रही है। आश्रम के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके कि बच्ची को कौन छोड़कर गया। बच्ची को यहां क्यों छोड़ा गया, इसके पीछे की वजह माता-पिता की पहचान होने पर ही स्पष्ट हो सकेगी। आशंका है कि बच्ची अस्वस्थ हो सकती है, जिसके कारण उसे यहां लाकर छोड़ा गया होगा।
यह घटना समाज के उन पहलुओं को उजागर करती है, जहां मासूम बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया जाता है, उनके भविष्य और भावनाओं की परवाह किए बिना।