उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष रह गए है सतनाली पार्टी की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने अपने 107 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करती है जब बीजेपी उम्मीदवारों की सूची सामने आई तो उसमें एक नाम था जिसनें सबके होस्फाकता कर दिए और वो नाम तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और लोग भौचक्का इसलिए हो गए क्योंकि सियासी गलियारों में कई दिनों से यही चर्चा चल रही थी कि योगी आदित्यनाथ अयोध्या मथुरा या प्रयागराज से चुनाव लड़ेंगे लेकिन सूची में योगी आदित्यनाथ का नाम गोरखपुर सीट से जुड़ा हुआ था

अयोध्या, मथुरा और प्रयागराज सीट क्यों नहीं

जैसे ही बीजेपी के 107 उम्मीदवारों की सूची पेश हुई वैसे ही सियासत के गलियारों में एक ही सवाल गूंजने लगा और वह सवाल था क्या ब्राह्मणों से डर गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्योंकि बीजेपी की हाईकमान भी योगी को अयोध्या से चुनाव लड़ना चाहते थे उसके बावजूद उनका नाम गोरखपुर सीट पर आया अयोध्या की बात की जाए तो वहां की चुनावी सियासत में योगी का ढंग का बच्चों का था और योगी के प्रचार के लिए एक टीम भी गठित कर दी गई थी जो घर-घर जाकर योगी के लिए वोट मांग रही थी और उसके बावजूद भी योगी को अयोध्या से टिकट नहीं मिली तो कहीं ना कहीं एक सवाल जरूर उठता है कि क्या योगी ब्राह्मणों से डर गए क्योंकि अयोध्या में 70000 ब्राह्मण वोट है 27000 क्षत्रिय  50,000 दलित और यादव बोर्ड की बात की जाए तो वह 40000 है समाजवादी पार्टी के अयोध्या से एमएलए रहे पवन पांडे भी ब्राह्मण समाज से है और अयोध्या में उनका बहुत अच्छा दबदबा माना जाता है तो शायद यह भी एक कारण हो सकता है जिसके चलते योगी ने अपना टिकट गोरखपुर से ही लिया हो

गोरखपुर के आसपास की सीटों पर खतरा?

जब से उत्तर प्रदेश में योगी ने मुख्यमंत्री पद संभाला है उसके कुछ समय बाद ही सुर्खियों में समाचार देखने को मिल रहे थे कि ब्राह्मण उत्तर प्रदेश सरकार से नाराज है और बीजेपी ब्राह्मण को मनाने के प्रयास कर रही हैं लेकिन इस बीच योगी की टिकट जैसे अयोध्या से कटी  वह कहीं ना कहीं यह साबित करती है कि योगी ब्राह्मणों से डर गए या इसके पीछे कोई और कारण है
यही सवाल सियासी गलियारों में गूंज रहा है लेकिन इसके पीछे कारण कुछ भी और हो सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर मैं और उसके आसपास की सीटों पर अच्छी पहचान है और वह गोरखपुर से 5 बार एमपी भी रह चुके हैं और उनको अगर आयोध्या से टिकट मिल जाती तो गोरखपुर के आसपास की 17 सीटों पर हार का खतरा बन सकता था

18 साल बाद यूपी का मुख्यमंत्री MLAका चुनाव लड़ेगा

नेताजी के नाम से पहचान बनाने वाले 82 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बाद यूपी की सियासत में 18 साल का रिकॉर्ड टूट रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी से 18 साल बाद पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जो विधायक का चुनाव लड़ेंगे से पहले मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री होते हुए गुन्नौर से चुनाव लड़े थे