भारत में सरकारी नौकरी (Government Jobs) को फ़ुल लाइफ़ आराम और सिक्योरिटी की गारंटी समझा जाता है. यही वजह है कि छोटी सी छोटी सरकारी नौकरी के लिए बड़े-बड़े डिग्रीधारक अप्लाई करने से नहीं चूकते. मगर कुछ लोग होते हैं जो इस आराम और सिक्योरिटी को छोड़कर अपने मुश्किल सपनों को हक़ीक़त बनाने में लग जाते हैं. बिल्कुल इन बॉलीवुड एक्टर्स (Bollywood actors) की तरह, जिन्होंने फ़िल्मों में काम करने के लिए अपनी सरकारी नौकरी को अलविदा कह दिया था.
1. शिवाजी साटम
‘सीआईडी’ की वजह से ‘एसीपी प्रद्युमन’ यानि शिवाजी साटम घर-घर में पहचाने जाते हैं. शिवाजी ने अपने एक्टिंग करियर में ‘वास्तव’, ‘गुलाम-ए-मुस्तफा’, ‘सूर्यवंशम’, ‘नायक’ जैसी कई फ़िल्मों में काम किया. मगर बहुत कम लोग जानते हैं कि शिवाजी एक्टिंग की दुनिया में आने से पहले सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कैशियर थे. हालांकि, उन्हें हमेशा से ही एक्टिंग का शौक़ था और वो थियेटर भी करते थे. बाद में उन्होंने अपने इसी शौक़ को करियर बना लिया और सरकारी नौकरी छोड़ दी.
2. अमरीश पुरी
फ़िल्मों में आने से पहले अमरीश पुरी भी सरकारी नौकरी करते थे. उन्होंने क़रीब 21 साल कर्मचारी बीमा निगम में बतौर क्लर्क काम किया था. थियेटर में उनकी दिलचस्पी हमेशा से थी. फिर एक दिन उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़कर फ़िल्मों में एंट्री कर ली. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर में 400 से ज़्यादा फ़िल्मों में काम किया और आज भी उनके जैसा कोई दूसरा विलन बॉलीवुड में पैदा नहीं हुआ.
3. राज कुमार
4. देव आनंद
देव आनंद फ़िल्मों में आने से पहले मुंबई के मिलट्री सेंसर ऑफिस में काम करते थे. मगर देव आनंद के गुड लुक्स ने उन्हें बॉलीवुड का एवरग्रीन अभिनेता बना दिया. प्रभात टॉकीज की एक छोटी सी फ़िल्म में उन्होंने काम किया था. मगर कुछ समय बाद अशोक कुमार के द्वारा उन्हें एक फिल्म में बड़ा ब्रेक मिला. उसके बाद ज़िद्दी हो या फिर राजू गाइड जैसी फ़िल्म, उन्होंने देव आनंद का नाम दुनियाभर में मशहूर कर दिया.
5. रजनीकांत
6. अमोल पालेकर
अमोल पालेकर बैंक ऑफ़ इंडिया में बतौर क्लर्क काम करते थे. साथ ही, वो थियेरट में भी बिज़ी थे. फिर 1971 में सत्यदेव दुबे की मराठी फ़िल्म ‘शांतता कोर्ट चालू आहे’ से उन्हें फ़िल्मों में एंट्री मारी और ‘रजनीगंधा’ और ‘छोटी सी बात’ और ‘गोलमाल’ जैसी फ़िल्मों ने उन्हें एक सफ़ल अभिनेता के रूप में इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया.
अगर इन एक्टर्स ने सरकारी जॉब न छोड़ी होती, तो ये सभी सरकारी पेंशन पर जीते और गुमनाम रह जाते.