75 साल बाद देश में फिर से चीता आया है। श्योपुर के कूनों को इनका नया घर बनाया गया है। चूंकि चीता इन दिनों काफी चर्चा में हैं। इसलिए लोगों के मन में चीतों की विशेषताओं को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
चीतों की विशेषताओं को नईदुनिया ने बताया है कि वे किस तरह के होते हैं और वे कितनी तेज दौड़ते हैं, कितना दौड़ सकते हैं। इसके अलावा अन्य कई विशेषताएं हैं।
चीतों की विशेषताएं
– चीते प्राय: जंगली पशुओं का शिकार करते हैं, पालतु पशुओं के शिकार से वह बचते हैं।
– व्यस्क चीता दो से पांच दिन में एक बार शिकार करता है। वह हर तीन-चार दिन में एक बार पानी पीते हैं।
– विशेषज्ञों के अनुसार मादा चीता एकांत जीवन बिताना पसंद करती हैं। एक ही मां की संतान नर चीते प्राय: साथ रहते और शिकार करते हैं।
– शेर व बाघ की तरह चीते दहाड़ते नहीं है। वह गुर्राते हैं। इनकी उम्र 10-12 वर्ष होती है। पिजरे में रखे जाने पर वह 17-20 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं।
– चीता तीन सेकेंड में ही सौ किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ सकता है जोकि अधिकांश कारों से भी तेज है, लेकिन अपनी अधिकतम गति आधे मिनट से अधिक समय तक बरकरार नहीं रख सकता। विश्व के सबसे तेज धावक उसेन बोल्ट की अधिकतम रफ्तार 44.72 किमी प्रतिघंटा है।
– दिल्ली के वन्यजीव पत्रकार और लेखक कबीर संजय के अनुसार स्टेमिना के मामले में चीता पीछे है। चीता एक फर्राटा धावक है, मैराथन धावक नहीं। चूंकि यह अपनी गति अधिक समय कायम नहीं रख पाता, इसे अपना शिकार 30 सेकेंड या कम समय में ही पकड़ना होता है। यदि चीता कम समय में शिकार नहीं पकड़ पाता तो वह प्रयास छोड़ देता है। इसी कारण शिकार करने में इसकी सफलता का प्रतिशत अधिकतम 50 प्रतिशत ही है।
– शिकार पकड़ने के बाद भी चीता बहुत थक जाता है और इसलिए उसे कुछ समय के लिए आराम करना पड़ता है। यही कारण है कि प्राय: तेंदुआ, भेड़िए और जंगली कुत्ते इसका शिकार ले जाते हैं।
– गिद्घ भी चीते को भगा देते हैं क्योंकि चीता के पास अन्य बिग कैट की तरह अधिक ताकत नहीं होती है।
– इस पशु के शरीर की बनावट गति के हिसाब से है। बड़े फेफड़े और नथुनों के कारण इसे अधिक आक्सीजन मिलती है जबकि बड़े आकार का दिल शरीर में अधिक मात्रा में रक्त संचार करता है।
– चीते का शरीर लचीला होता है। इसकी रीढ़ की हड्डी सिकुड़ और फैलती है, छोटा सिर हवा का प्रतिरोध कम करता है और लंबे व पतले पैर बड़े कदम भरने में सहायक होते हैं।