हम आपको ऐसी स्त्रियों के बारे में बताने जा रही है जो शादीशुदा होकर भी कुवारी और पवित्र जाती है | महाभारत और रामायण काल में कुछ ऐसी स्त्रियों का वर्णन है जिन्होंने शादी के है फिर भी वे कुवारी मानी  जाती तो आप पूछेंगे कैसे तो आइये हम आपको बताते है कैसे –

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सबसे पहले बात करते है अहिल्या की –

अहिल्या गौतम की पत्नी थी कहा जाता है की वे बहुत ही  सुन्दर थी बताया जाता है की एक दिन इंद्रदेव गौतम बनकर उनके सम्मुख आ गए थे | उन्होंने अहिल्या के साथ समय व्यतीत किया इन्द्र को अहिल्या के साथ देख कर गौतम को क्रोध आ गया तथा उन्होंने अहिल्या को पत्थर बनने का श्राप दे दिया अहिल्या  के प्रति  ईमानदार थी उन्होंने उनका श्राप स्वीकार कर लिया अहिल्या ने पत्थर बन गुजारा किया जब कुछ  दिन बाद ऋषि का गुस्सा शांत हुआ तो उनको अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने  श्राप से  छुटकारा पाने के लिए उपाय बताया की वो श्री राम के चरण छूकर इस श्राप से मुक्त हो सकती है इसके बाद जब उन्होंने श्री राम के चरण चूहे और वे श्राप से मुक्त तथा कुवारी कहलायी

2. तारा 

तारा का जन्म  समुद्र मंथन के समय हुआ था तारा सुग्रीव के  भाई की पत्नी थी बताया जाता है की भगवान विष्णु ने तारा का हाथ  बाली   के हाथ में दिया था तारा बहुत बुद्धिमान थी वह प्राणियों  की भाषा समझ सकती थी एक समय की बात है की बालि  असुरो  यूस्ड करने के लिए चले गए \थे तो काफी  नहीं लोट कर आये तो सबने उन्हें मारा मरा हुआ  समझ लिया था|   कुछ  बाद सुग्रीव ने राज्य को और तारा को अपने अधीन कर लिया था उसके बाद एक दिन बाली वापस आ गए उन्होंने वो राज्य सुग्रीव से वापस ले लिया और सुग्रीव को राज्य से बहार कर दिया | जब सुग्रीव श्र्री राम की शरण में चले गए तारा समझ गयी थी की सुग्रीव अब अकेला नहीं है तारा ने बलि को समझाने की कोसिस की परन्तु बाली माने नहीं वे गुस्से में तारा को छोड़कर चले गए फिर तभी श्री राम ने बलि का वध कर दिया मरते हुए बलि ने तारा के बारे में कहा की तारा के विचार को सम्मान देना क्यूंकि कोई भी पत्नी अपने पति का बुरा नहीं चाहती है इसलिए तारा को पवित्र माना जाये

3. मंदोदरी 

मंदोदरी रुवती स्त्री थी रूपवत्तिस्त्रि होने के साथ साथ वे बुद्धिमान भी थी | मंदोदरी का विवाह रावण के साथ हुआ था वे रावण को पग पग पर अच्छी रह देती रहती थी परन्तु रावण मंदोदरी एक नहीं मानता  था रावण के मरने के बाद श्री राम ने विभीषण को मंदोदरी को आश्रय देने को कहा अपने गुणों तथा अपनी सूजभुझ से मंदोदरी कुवारी मणि जाती है

4.द्रौपदी 

पांच पत्नी होने के बावजूद भी द्रोपदी का  व्यक्तित्व मजबूत था इसके बाद भी द्रोपदी को कुवारी कन्या की श्रेणी में रखा जाता है| द्रोपदी ने जीवन भर पांडवो की हर परिस्तिथि में साथ दिया और कभी  पति के साथ रहने की जिद्द नहीं की | अपने कर्त्वयों को सच्चे मन से निभाया उन्होंने अपने धर्म को ईमानदारी से निभाया द्रोपदी को स्मरण धर्म ग्रंथो में महापाप को नाश करने वाला मन गया है

5. कुंती 

कुंती को महाभारत में सबसे पवित्र मन गया है वे हस्तिनापुर के राजा की पत्नी थी | कुंती को आशीर्वाद प्राप्त था की वे किसी भी भगवन से मंत्रो द्वारा पुत्र की प्राप्ति कर सकती है कुंती ने अपनी शादी से पूर्व मंत्रो द्वारा सूर्य से पुत्र प्राप्त किया पाण्डु के मरणोपरांत कुंती ने अलग अलग देवताओं से पुत्र की प्राप्ति की जिसके कारन उन्हें कौमार्य कहा जाता है