अक्सर ही हमने 21 तोपों की सलामी में कई बार सुना है | कई बार हमने कहानियो में भी या मुहावरों में भी 21 तोपों की सलामी के बारे में जिक्र सुनने को मिलता है | लेकिन क्या आप जानते है की आखिर 21 तोपों की सलामी होती क्या है और क्या होता है इसका महत्व | तो चलिए आज हम आपको बताते है 21 तोपों का महत्व |
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Why is the 21 gun salute given in India?
भारत में गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में से 21 तोपों की सलामी का कार्यक्रम भी आयोजित होता है | दर्शको को गणतंत्र दिवस पर आकर्षित करने वाला ये बहुत ही गौरवपूर्ण पल रहता है | इस दौरान देश के राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है |
21 तोपों की सलामी की सबसे खास बात ये की 21 तोपों की ये सलामी 52 सेकंड तक चलने वाले राष्ट्रगान के दौरान 2.25 सेकंड के अंतराल पर दी जाती है वही 21 तोपों की सलामी देने की शुरुवात की बात करे तो इसका आरंभ ब्रिटिश काल में 17वी शताब्दी में हुआ था |
उस दौरान नौसेना ने समुद्र में दुश्मन को शांतिपूर्ण वातावरण बनाये रखने के जहाज में रखे मौजूद हथियार से हवाई फायर किया था और उनमे भी उनकी सहमति जताने के लिए ऐसा किया गया था | अभी भी ब्रिटिश शासन में 7 तोपों का इस्तेमाल किया जाता है
खास लोगो को ही दी जाती है 21 तोपों की सलामी
पहले के समय में तोपों को लोड और अनलोड करने बहुत समय लगता था | इसलिए उन्होंने बन्दुक से फायर किये ब्रिटिश सेनिको द्वारा किया गया ये प्रयास धीरे -धीरे समय के साथ ये एक परम्परा के रूप में अपने दुश्मन के प्रति सम्मान दिखाने के लिए किया जाना लगा |
उस दौरान ब्रिटिश युद्धपोतों पर बाइबिल में उल्लेखित 7 अंक का खास महत्व होने के चलते एक स्थान पर 7 हथियारों को एक साथ रखा जाने लगा था | इसलिए उस समय शांति का सन्देश देने के लिए 7 हथियार से ३-३ बार समुद्र में फायर किया जाता था | और इसी के साथ उस समय से 21 तोपों की सलामी देना शुरू हो गया |
भारत में ये रिवाज ब्रिटिश शासन काल से ही शुरू हुई थी | आजादी से पहले यंहा मौजूद स्थानीय राजाओ को भी 19 या 17 तोपों को सलामी दी जाने लगी थी
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