हिन्दू समाज में महिलाओं के लिए कई नियम बनाये गए है। नाक छिदवाना भारतीय संस्कृति और परंपरा के हिसाब से बहुत जरूरी माना जाता है। लेकिन बहुत कम लड़कियां जानती है कि यह स्त्री की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के लिए भी लाभकारी है।
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बायीं तरफ ही क्यों छिदवाई जाती हैं नाक:
नाक में छेद करवाने की कोई विशेष उम्र नहीं होती है। इसे लेकर विज्ञान का कहना है कि इसे बचपन, किशोरावस्था, वयस्क होने पर कभी भी करवा सकते हैं। गर्भावस्था में भी महिलाएं नाक छिदवा सकती है। इससे शिशु पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।
लड़कियों की बाई ओर की नाक छेदी जाती है क्योंकि उस जगह की नसें नारी के महिला प्रजनन अंगों से जुडी हुई होती हैं। नाक के इस हिस्से पर छेद करने से महिला को प्रसव के समय भी कम दर्द का सामना करना पड़ता है। इस वजह से बाई ओर नाक छिदवाई जाती है।
कुछ लोगों का कहना है कि बाईं तरफ का कान छेदने से महिला को बल्ड प्रेशर जैसी परेशानी नहीं होती है। वहीं आध्यात्मिक कारण यह भी है कि महिला अपने आधे अंग को पुरूष के लिए रखती है इसलिए बाई ओर का हिस्सा अपना मानकर उसे छिदवा लेती है।
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