फ़िरोज़ाबाद की जसराना विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा 4 बार कब्जा रहा है क्योंकि यहाँ सपा का गढ़ माना जाता है,लेकिन 2017 की बात करें तो समाजवादी पार्टी की इस दमदार सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है लेकिन इस जसराना विधानसभा सीट पर चार बार मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार रामवीर सिंह यादव विधायक बने और 2007 में वह हार गए थे तब निर्दलीय प्रत्याशी रामप्रकाश यादव वहां से जीते थे
रामवीर सिंह यादव 2012 में समाजवादी पार्टी से विधायक रह चुके हैं
जब 2012 में फिर चुनाव हुआ तो फिर से रामवीर सिंह यादव समाजवादी पार्टी से जसराना से विधायक बने लेकिन 2017 के चुनाव आते-आते समाजवादी पार्टी की अंदरूनी कलह की वजह से जसराना से रामवीर विधायक को टिकट समाजवादी पार्टी ने नहीं दी
रामवीर सिंह यादव 2017 में लोक दल से चुनाव लड़े
वह लोकदल से चुनाव लड़े और चौथे नं पर रहे 11 हजार 224 वोट लाये,और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शिवप्रताप सिंह यादव को हार का सामना करना पड़ा और,इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्यासी रामगोपाल उर्फ पप्पू लोधी को मिला जो कि वहां से विधायक बन गए,इस विधानसभा पर यह पहली बार हुआ था कि कोई भाजपा का विधायक बना,लेकिन अब 2022 के चुनाव की बात करें तो समाजवादी पार्टी इस बार पूरे मंथन के साथ कार्य कर रही है,जो लोग समाजवादी पार्टी से दूरी बना चुके थे और घर पर शांत बैठ गए थे,उनको वापस समाजवादी पार्टी ने बुला लिया है,उनमें जसराना की पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव भी हैं,जो कि अब फिर से समाजवादी पार्टी में काम कर रहे हैं उनका कहना है कि उन्होंने जसराना के लिए आवेदन किया है और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष जो फैसला करते हैं वह मान्य होगा अगर वह आदेश देंगे तो हम काम करेंगे,लेकिन इस बार अगर समाजवादी पार्टी से रामवीर सिंह यादव को टिकट मिलती है तो यह सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए निकालना कठिन साबित होगा,क्योंकि कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी इस सीट को जिताने में रामवीर सिंह यादव का भी रोल रहा क्योंकि वह लोक दल से चुनाव लड़े और उन्होंने समाजवादी पार्टी के 11 हजार 224 वोटों का नुकसान किया,जो समाजवादी पार्टी को मिलते तो वह जवेट जाती,अब देखना यह है कि क्या समाजवादी पार्टी रामवीर सिंह यादव को टिकट देती है या फिर समाजवादी पार्टी जसराना विधानसभा सीट का फिर नुकसान होगा।