हम लोगो ने ये सुना है और देखा भी है की गिरगिट अपना रंग कई रंगो में बदल सकता है ,और हमारे समाज में ये कहावत भी है की गिरगिट की तरह रंग बदलना अक्सर जब लोग अपनी बात से मुकर जाते या कुछ दोस्त अपने दोस्तों को भूल जाते है तो हमें यही कहावत सुनने को मिलती है की गिरगिट की तरह रंग बदलना | आखिर क्यों कही जाती है ये कहावत अपने अभी सोचा है तो आइये जानते है आखिर क्यों बदलते है गिरगिट रंग और क्यों बनी ये कहावत

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When and how does a chameleon change its color?

आखिर क्यों बदलते है गिरगिट रंग 

दरअसल गिरगिट अपनी सुरक्षा को लेकर रंग बदलते है उन्हें जब खतरा महसूस होता है तो वे अपना रंग बदल लेते है या फिर उन्हें खुद को बचाना होता है तो वे अपना रंग बदलते है | शिकारियों से बचने के लिए भी गिरगिट रंग बदलते है गिरगिट अपना रंग उसी रंग रंग मई बदल लेते है जहा वो बैठे रहते है गिरगिट अपना शिकार पकड़ने के लिए भी रंग बदलते है क्यूंकि जब वो शिकार कर रहे होते है तो वे अपने शिकार के पास रंग बदल लेते है और बिलकुल भी हिलते डुलते नहीं जिससे चलते वो अपना शिकार आसानी से पकड़ लेते है

किस तरीके से बदलते है गिरगिट अपना रंग 

गिरगिट की त्वचा में एक अजीब तरीके की कोशिका पायी जाती है जो उसके शरीर के तापमान से अपने आप घटने या बढ़ने पर सिकुड़ जाती है और कभी कभी ये फ़ैल जाती है  गिरगिट के शरीर में जब हार्मोन्स बढ़ने लगते है तब ये कोशिकाएं काफी तेजी से बढ़ने लगती है और रंग बदलने लगती है जिनमे कला रंग, भूरा रंग ,गहरा भूरा और पीला रंग शामिल है | तापमान कम होने पर इसका रंग गहरा होता जाता है और इसके शरीर का तापमान काम होने हलके रंगो में परिवर्तित हो जाता है |

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