साल 2009 में Satoshi Nakamoto ने Bitcoin नाम की Cryptocurrency की शुरुआत की थी.
आज हम हमको इसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं-
दुनिया भर में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) सुर्ख़ियों में है. ये दो शब्दों Crypto और Currency से मिलकर बना शब्द है. इसमें Crypto लैटिन भाषा का एक शब्द है जो Cryptography से बना है. इसका मतलब छुपी हुई होता है. जबकि Currency भी लैटिन के Currentia शब्द से आया है जिसे रुपये-पैसों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये एक प्रक्रार की ‘डिजिटल करेंसी’ है, जो क्रिप्टोग्राफ़ी के नियमों के आधार पर चलती और बनाई जाती है. इसका अर्थ होता है कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला. इसलिए इसे ‘वर्चुअल करेंसी’ भी कहते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है (What is Cryptocurrency)
आज इंटरनेशनल मार्केट में आज कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मौजूद है. दुनिया के करोड़ों लोग ‘क्रिप्टोकरेंसी’ में इन्वेस्टमेंट करके आज करोड़पति बन चुके हैं. आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख ज़रूर सकते हैं. ये मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. ये किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. ये पूरी तरह से ऑनलाइन होता है. इसे आप केवल Electronic Form में सेव करते हैं. वर्तमान परिपेक्ष में इसका प्रचलन काफ़ी बढ़ रहा है. इसे आप किसी भी अन्य Currency डॉलर, रुपया ,क्रोना, दिनार आदि की तरह ख़रीद सकते हैं.
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक तरह की ‘डिजिटल टेक्नोलोजी’ है. क्रिप्टो एक ख़ास तरह का ‘कोड’ है, जो कंप्यूटर के अंदर स्टोर होता है. ये एक कंप्यूटर Algorithm पर बनी करेंसी है, जो केवल इंटरनेट पर मौजूद है. क्रिप्टोकरेंसी एक तरह से Decentralized Asset भी कह सकते हैं, क्योंकि इस पर न तो किसी इंडीविज्युअल का अधिकार हो सकता है और न ही इसे कोई अथॉरिटी रेग्युलेट कर सकती है.
क्रिप्टोकरेंसी किसने और क्यों बनाई?
साल 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने बिटकॉइन (Bitcoin) नाम की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की शुरुआत की थी. इस दौरान उसने एक सफ़ेद कागज़ पर ‘बिटकॉइन’ लिखकर उसे इंटरनेट पर डाल दिया था, जिसे कई लोगों ने एक्सेप्ट किया. लेकिन सतोशी नाकामोतो कौन है, कहां रहता है, क्या करता है? ये किसी को भी नहीं मालूम. बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट Satoshi है. 1 बिटकॉइन 10 करोड़ Satoshi के बराबर होता है. आज सतोशी नाकामोतो के पास 9 लाख 80 हज़ार Bitcoin हैं.
आख़िर क्या है ये Bitcoin
बिटकॉइन (Bitcoin) एक ‘डिजिटल करेंसी’ हैं. इसे ‘बिटकॉइन वॉलेट’ में सेव करते हैं. ये एक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) है जो रियल में एक्सिस्ट नहीं करती है. इसे हम एक सिक्योर ऑनलाइन Transaction करने के लिए इस्तेमाल करतें हैं. ये 0 और 1 सीरीज़ में आती है और इसे कंप्यूटर में सेव कर सकते हैं. आज के दौर में 1 बिटकॉइन की क़ीमत 34 लाख रुपये के क़रीब है.
कैसे किया जाता है Bitcoin का इस्तेमाल
बिटकॉइन (Bitcoin) का इस्तेमाल अलग-अलग Online Transaction में किया जाता है. ये P2P Network पर काम करता है. इसकी क़ीमत हर जगह एक समान रहती है, जो दुनियाभर की गतिविधियों पर निर्भर करती है. इसकी क़ीमत में अक्सर उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन का प्रचलन काफ़ी बढ़ गया है. बिटकॉइन का रिकॉर्ड पब्लिक Ledger में होता है जिसे ‘Bitcoin Block Chain’ नाम से जाना जाता है.
Bitcoin का भी है अपना एक्सचेंज
बिटकॉइन (Bitcoin) भी अपना एक्सचेंज है. इसे 2011 में शुरू किया गया था. अगर आप भी बिटकॉइन में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सबसे पहले एकाउंट बनाना होगा. ईमेल कन्फर्मेशन और एकाउंट वेरिफ़िकेशन के बाद आपको Trading Method का चुनाव करना होगा. ट्रेडिंग के लिए Bitcoin Trading Cart है. इसमें Bitcoin की क़ीमत की डीटेल्स मौजूद होती है. अगर आप अपना पासवर्ड भूल जाते हैं तो आप अपने पैसे हमेशा के लिए खो देंगे.
Bitcoin में इंवेस्ट करना है कितना सेफ़
बिटकॉइन (Bitcoin) एक वर्चुअल करेंसी है. ये बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है. इसके जोख़िम के चलते ये भारत में लीगल नहीं है. कई बार बिना किसी वार्निंग के बिटकॉइन की क़ीमत एक ही दिन में 40 से 50 फीसदी गिर गई थी.
आज दुनिया में ‘बिटकॉइन’ के अलावा ‘रेड कॉइन’, ‘सिया कॉइन’, ‘इथीरियम’, ‘Ripple (XRP)’ और ‘मोनरो’ जैसी कई अन्य तरह की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं.