मगर कुछ ख़ुरपेंची बुद्धि के स्वामी मानते कहां है. उन पर कुछ न कुछ कांड करने की चुल्ल हमेशा सवार रहती है. जैसे कि इन लोगोंं पर हुई. एक राप्चिक तस्वीर की ख़्वाहिश में इन लोगों ने जो रायता फैलाया है, उसे देख कर हंस-हंसकर आपका फेपड़ा फूल जाएगा.
1. माफ़ कीजिएगा, मैं ज़रा ग़लती से इधर-उधर चला जाता हूं.
2. सर जी के शरीर पर धूप भी छितरा गई.
3. ऐसी ख़ूबसूरती देख कर तो दूसरों की सांसें जम जाएंगी.
4. हर कोई आपकी बेवकूफ़ी में साथ दे, ज़रूरी नहीं.
5. ठंडा-ठंडा, फ़ूल-फ़ूल
6. प्यार पर डर भारी पड़ गया.
7. और बनो नकलची.
8. किसी का बुरा वक़्त बताकर नहीं आता.
10. ज़रा सा चूक गया, नहीं तो ये भी फ़्रेम से बाहर हो जाता.
11. कुछ भी कहो, दोनों ही फ़ोटो क्यूट हैं.
12. ऐसा भी मत करो कि कमर ही करकरा जाए.
नक़ल करना भी आसान काम नहीं है.
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