उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार को प्रदेश से जड़ से ख़तम करने के लिए ज्यादातर सभी चीज़ो को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाती जा रही है ताकि सभी के बीच पारदर्शिता बनी रहे लेकिन कुछ लोग सरकार के इन प्रयासों को ठेंगा दिखाने पर लगे हुए हैं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्टाम्प पेपर या शपथ पत्र बनवाने के लिए भी ई-स्टाम्प पेपर दिया जाता है और इन स्टाम्पो को बेचने के लिए सरकार द्वारा ई -वेंडर बनाये गये है लेकिन बनाये गये वेंडर सरकार की इस योजना को ठेंगा दिखाते हुये अवैध वसूली कर रहे हैं
10 के स्टांप और नोटरी के लिए आम लोगो को 100 से 150 रूपये चुकाने पड़ते हैआम आदमी पहले ही महंगाई से परेशान है दूसरी तरफ से अवैध वसूली करने वाले लोग उन्हें जीने नहीं देते ऐसा ही एक मामला फ़िरोज़ाबाद तहसील क्षेत्र के छिंगामल बाग के समीप स्थित यूनिवर्सल कमर्शियल इंस्टीट्यूट नाम की दुकान से देखने को मिला यूनिवर्सल कमर्शियल इंस्टीट्यूट के पास ई स्टांप बनाने का लाइसेंस है और इसी बात का यह बेंडर जमकर फायदा उठाता है
स्टाम्प के लिए 3-4 गुना बसूला जाता है शुल्क
शपथपत्र बनवाने वालों को स्टांप और नोटरी के निर्धारित शुल्क से तीन से चार गुना अधिक धनराशि लेकर अवैध बसूली करता है स्टांप और नोटरी फीस के निर्धारित शुल्क से कई गुना अधिक चुकाए बगैर शपथपत्र नहीं मिलता । स्टांप खरीद के नाम पर वसूली गई यह अतिरिक्त धनराशि आखिर किसको मिलती इसका किसी को नहीं पता.
प्रशासन आँखे बंद कर सोया है
हमारी टीम जब यूनिवर्सल कमर्शियल इंस्टीट्यूट की दुकान में 10 रूपये के शपथ पत्र को नोटरी के साथ लेने पहुंची तो इस स्टांप वेंडर ने हमारी टीम के सदस्य से 100रूपये की मांग की जब हमारी टीम के सदस्य ने पूछा यह 100 रूपये किस हिसाब से लग रहे है तो स्टांप वेंडर का नाबालिक बेटा बोला 30 रूपये का स्टाम्प 20 रूपये नोटरी और 50 रूपये वकील साहब के इस हिसाब से आपके 100 रूपये हुए जब हमारी टीम के सदस्य द्वारा पूछा गया कि 10 रूपये का स्टांप 30रूपये में क्यों और लॉटरी लगने के बाद 50रूपये वकील साहब के अलग से क्यों उसके बाद में नाबालिक लड़का बोलने लगा कि शायद आपने पहली बार बनवाए हैं स्टांप,उसके बाद हमारी टीम के सदस्य ने उसके बच्चे के को बोला अपने पिता जी से बात कराओ तो उसने अपने पिता को फ़ोन लगाया और पिता ने कहा लेना है तो लो हमरे यहाँ तो 100 का है और जो 50 रूपये वकील साहब के लग रहे हैं वह तो वकील साहब ही बताएंगेउसके बाद हमारी टीम के सदस्य वहां से चले आए और यह सारे काम प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है और प्रशासन कोइसकी खबर तक नहीं है और खबर है तो इन पर कार्यवाही क्यों नहीं होती है
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस प्रकार की अवैध वसूली करने वाले ई- स्टांप वेंडरो पर कब तक लगाम लगेगी
खुले तौर पर आम लोगों से धनादोहन किया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार बेखबर हैं। उन्हें न तो शासन के निर्देशों की परवाह है और न ही आम जनता की तकलीफों से मतलब.