यह परिवार के साथ-साथ प्रदेश के लिए भी अच्छा रहेगा.
शिवपाल यादव का कहना है कि वह लंबे समय से आजम खान से मिलने के लिए प्रयासरत थे. आखिरकार दोनों के बीच मुलाकात हो गई लेकिन, प्रदेश सरकार इस बात की अनुमति नहीं दे रही थी. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से अभी उनका गठबंधन नहीं हुआ है. गठबंधन में इतनी देर होना भी रणनीति का हिस्सा है.
इस दौरान शिवपाल ने कहा कि आजम खान पर बदले की भावना से कार्रवाई की गई है और झूठे मुकदमें लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि किस तरह से लोगों से पैसे जुटाकर जौहर विश्वविद्याल बनाया गया लेकिन, बीजेपी सरकार ने उसे तहस नहस कर दिया. बीजेपी नहीं चाहती कि प्रदेश में विकास को गति दी जाए.
प्रसपा अध्यक्ष ने बताया कि मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर चिंतन किया गया. विधानसभा चुनाव और गठबंधन प्रमुख रहा. वहीं, उन्होंने टीईटी परीक्षा को लेकर कहा कि पेपर माफिया सत्ता पक्ष के साथ मिले हुए है और सपा सरकार में उन्होंने 13 हजार 500 लेखपालों की भर्ती निष्पक्षता से कराई थी. यह बात बीजेपी को याद रखनी चाहिए.