दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रस अधनम घेब्रेयेसस ने चेताया कि यह स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में ‘सुनामी’ ला सकता है।

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नए साल पर जुलाई तक सभी देशों से 70 फीसदी आबादी के टीकाकरण का लक्ष्‍य पूरा करने की अपील करते हुए उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि साल 2022 में दुनिया इस महमारी को पछाड़ देगी।

WHO चीफ ने दुनियाभर में संक्रमण के मामलों में एक बार फिर आए उछाल के लिए कोरोना वायरस के वैरिएंट ओमिक्रोन और डेल्‍टा को जिम्‍मेदार ठहराया है। वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍था के शीर्ष अधिकारियों ने कोरोना वायरस के सबसे नए वैरिएंट ओमिक्रोन से हल्के-फुल्के लक्षण वाला संक्रमण होने की ओर इशारा करने वाले शुरुआती आंकड़ों को पूरी तरह मान लेने को अभी जल्दबाजी करार दिया।

’70 फीसदी आबादी का टीकाकरण है जरूरी’

दक्षिण अफ्रीका में पहली बार 24 नवंबर को सामने आने के बाद कोरोना वायरस का यह वैरिएंट तेजी से अमेरिका और यूरोप के विभिन्‍न देशों में फैलता जा रहा है। भारत सहित एशिया के कई देशों में भी इसके मामले सामने आए हैं और कोविड केस में अचानक उछाल देखा जा रहा है। ऐसे में WHO ने दुनिया के देशों से जल्‍द से जल्‍द 70 फीसदी आबादी का टीकाकरण करने को कहा है।

WHO के 194 सदस्य देशों में से 92 देश इस साल के अंत तक अपनी 40 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाए हैं, जिससे चिंता और बढ़ रही है। महमारी से बचाव में हर्ड-इम्‍युनिटी का अहम योगदान है, जिसके लिए संपूर्ण आबादी के कम से कम 70 फीसदी के वैक्‍सीनेटेड होने की आवश्‍यकता है। यही वजह है कि WHO लगतार टीकाकरण बढ़ाने पर जोर दे रहा है।

‘बना हुआ है ओमिक्रोन का जोखिम’

दुनियाभर में कोविड केस में बीते एक सप्‍ताह में हुई बढ़ोतरी का हवाला देते हुए WHO के महानिदेशक घेब्रेयेसस ने कहा, ‘ओमिक्रोन का जोखिम बना हुआ है। मुझे चिंता है कि डेल्टा के प्रकोप के दौरान ही ओमिक्रोन का अधिक संक्रामक होना मामलों की सुनामी ला सकता है। इससे पहले ही थक चुके स्वास्थ्य कर्मियों और स्वास्थ्य प्रणाली पर अत्यधिक बोझ पड़ेगा।’

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