Friday, March 14, 2025
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बसपा में उठा राजनीतिक तूफान: मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया

उत्तर प्रदेश की राजनीति में कभी सत्ता के केंद्र में रहने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में इन दिनों बड़ा घमासान चल रहा है। रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। इससे पहले, आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया था।

पार्टी में नई जिम्मेदारियां, रिश्तों से ऊपर मूवमेंट

मायावती ने इस मौके पर कहा कि उनके रहते हुए बसपा में कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पार्टी और मूवमेंट के हित में पारिवारिक रिश्तों का कोई महत्व नहीं है।
इसके साथ ही मायावती ने आकाश के भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को नेशनल कोऑर्डिनेटर की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी।

“मेरे जीते जी कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा”

मायावती ने कहा, “मैंने खुद यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी और मेरी आखिरी सांस तक बसपा में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। यह फैसला पार्टी और मूवमेंट के हित में लिया गया है। पार्टी के लोगों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। मेरे लिए पार्टी और मूवमेंट पहले हैं, जबकि रिश्ते-नाते बाद में।”

गैर-राजनीतिक परिवारों से रिश्ते जोड़ने की अपील

मायावती ने यह भी बताया कि आनंद कुमार ने अपने बच्चों के विवाह के लिए गैर-राजनीतिक परिवारों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में पार्टी को किसी भी प्रकार की राजनीतिक क्षति से बचाया जा सकेगा, जैसा कि अशोक सिद्धार्थ के मामले में हुआ।

अशोक सिद्धार्थ पर तीखे आरोप

मायावती ने अशोक सिद्धार्थ पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अशोक ने पार्टी को कमजोर करने और दो गुटों में बांटने का प्रयास किया। यह सब उनकी पुत्री की शादी के दौरान भी देखा गया। अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला पार्टी और मूवमेंट के हित में लिया गया।

मायावती ने आकाश आनंद को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करते हुए कहा कि इसके लिए आकाश नहीं, बल्कि उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि अशोक ने न केवल पार्टी को नुकसान पहुंचाया, बल्कि आकाश के राजनीतिक करियर को भी प्रभावित किया।

पार्टी के लिए निर्देश और आगे की रणनीति

मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि वह अपनी आखिरी सांस तक पार्टी को मजबूत करने और इसे आगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास करती रहेंगी। उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए आगे के लिए दिशा-निर्देश भी दिए।

सपा-भाजपा पर निशाना

मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक ही सिक्के के दो पहलू करार दिया। उन्होंने कहा कि इन जातिवादी पार्टियों को पराजित करने की क्षमता सिर्फ बसपा के पास है। बसपा में चल रही उथल-पुथल ने पार्टी के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मायावती के इस फैसले से यह स्पष्ट है कि वह पार्टी और मूवमेंट को किसी भी पारिवारिक प्रभाव से बचाने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं। उनका यह निर्णय पार्टी के भीतर और बाहर, दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

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