सामुद्रिक शास्त्र में मनुष्य के चेहरे और गाल से भी उसके व्यक्तित्व के बारे में आकलन किया जा सकता है। खासतौर से जिस जातक की सही जन्मतिथि और कुंडली उपलब्ध नहीं है, उसके बारे में सामुद्रिक शास्त्र कई बातें अभिव्यक्त कर सकता है।

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# गालों का रंग आंशिक सफेदी या पीलापन लिए होता है वे प्रायः उदास और अस्वस्थ रहते हैं। नए काम में उनकी रुचि कम होती है और वे जल्द निराश होते हैं। ऐसे लोग एकांतप्रेमी होते हैं।
# जिन लोगाें के गालों का रंग पीला होता है उनमें अधिकांश विशेषताएं सफेद गाल वाले व्यक्तियों जैसी ही होती हैं। इन्हें भविष्य को लेकर कई आशंकाएं होती हैं और इसके कारण ये जोखिम लेना पसंद नहीं करते।
# जिन लोगों के गाल शुष्क, रूखे और बेजान होते हैं, उनके लिए यह किसी रोग का संकेत भी हो सकता है। ऐसे व्यक्ति प्रायः निराशावादी, भावुक और कुछ क्रोधी होते हैं। इन्हें लोगों से मिलना पसंद नहीं होता।
# जिन लोगों के गालों का रंग लाल या अधिक सुर्ख होता है वे अपनी बात मनवाने में यकीन करने वाले, जिद्दी और कुछ क्रोधी होते हैं। इन लोगों में धैर्य नहीं होता और वे किसी का अधिक इंतजार करना पसंद नहीं करते।
# जिन लोगों के गाल गुलाबी होते हैं वे प्रकृतिप्रेमी और धैर्यवान होते हैं। जीवन में हर काम सलीके से करना इन्हें पसंद होता है। ये जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेते। अगर इन्हें कोई कार्य सौंपा जाए तो वे उसे जिम्मेदारी के साथ पूरा करते हैं।
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