चुनाव जब भी आते है तो ,नेता EVM यानि  इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर उधम काटना शुरू कर देते है | पिछले कुछ साल पहले से नेता EVM के हैक होने के आरोप लगने लगे है आइये आज हम आपको इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन सी जुडी कुछ बेहद रोचक जानकारी देते है |

इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ने के लिए हमारी एंड्राइड ऐप का इस्तेमाल करें ऐप डाउनलोड करें

 

Know how EVM machine works in elections

क्या होती है EVM और ये कैसे काम करती है 

EVM यानि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन वोटो को रिकॉर्ड करने वाली एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है | इसमें दो यूनिट होती है पहली यूनिट कंट्रोल और दूसरी यूनिट बैलेटिंग यूनिट होती है | ये पांच मीटर लम्बी केबल से जुडी होती है| इसलिए जब आप वोट डालने जाते है , तो चुनाव अधिकारी बैलेट मशीन के जरिये वोटिंग मशीन ऑन करते है | फिर आप अपनी पसंद के प्रत्याशी और उसके निशान के आगे बने बटन को दबाकर वोट दे सकते है |

अगर यदि कभी हमला हो जाये तो , तो मतदान अधिकार बस एक बटन दबाकर मशीन बंद भी कर सकते है | ताकि कोई फर्जी वोट नहीं डाल सकता , साथ ही भारत में बनी ये मशीन बैटरी से चलती है ये मशीन इसलिए बैटरी से चलायी जाती है की यदि लाइट चली जाये तो ये बिना लाइट के भी चल सके और वोटिंग प्रभावित न हो और इससे वोटर्स को करंट लगने का खतरा भी न हो |

एक EVM मशीन पर  कितने उम्मीदवार होते है 

EVM मशीन दो तरीके की होती है M2 EVM और  M3 EVM पहली में नोटा समेत 64 उम्मीदवार के निर्वाचन कराये जा सकते है इसके लिए 4 बेलेंटिंग यूनिटों को जोड़ना पड़ता है यानि एक मशीन पर 16 उम्मीदवार ही होते है वही, M3 मशीन का इस्तेमाल साल 2013 के बाद से होने लगा है , जिसमे नोटा सहित 384 उम्मीदवार हो सकते है यानि 24 बैलटिंग यूनिटों को जोड़ा जा सकता है बता दे, इस मशीन की कंट्रोल यूनिट में डाटा तब तक सुरक्षित है जब तक इसे हम  खुद हटाते नहीं है ये आम  कह सकते है या जब तक इसे जानबूझकर हटाया न जाए.

इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ने के लिए हमारी एंड्राइड ऐप का इस्तेमाल करें ऐप डाउनलोड करें