टास्क, बड़ा टास्क और फिर शुरू होती है खौलते दूध (Boil Milk) को गैस पर गिरने से बचाने की कोशिश. कितनी प्रैक्टिस कर लो, पर न चाहते हुए भी दूध के साथ खेल हो जाता है. ओह… ओह… कोई नहीं. छोटी-छोटी बातों पर मन दुखी मत करो, बल्कि ये सोचो कि ऐसा क्यों होता है?

ज़रा सोचिये कि पानी (Water) को चाहे कितना ही गर्म कर लो, लेकिन वो कभी बर्तन से बाहर आकर नहीं गिरता. वहीं दूध गर्म होते-होते नीचे गिर जाता है. चलिये आज इस पहेली का हल भी जान लेते हैं. आखिर वो कौन सी साइंस है, जिसकी वजह से दूध के साथ ऐसा हो जाता है.  

ज़्यादा गर्म होते ही बर्तन से बाहर क्यों गिरता है दूध

जानकारी के अनुसार, दूध में प्रोटीन, फ़ैट, लैक्टोज़ आदि जैसे तत्व पाये जाते हैं. दूध को गर्म करते वक़्त ये सभी तत्व आपस में मिलते हैं और एक रिएक्शन पैदा होता है. जिसके कारण दूध में भाप बननी शुरू हो जाती है. परिणाम स्वरूप दूध में मौजूद सभी तत्व अलग-अलग होने शुरू हो जाते हैं.
इन तत्वों का वज़न काफ़ी हल्का होता है, जिस वजह से ये ऊपर आ जाते हैं और क्रीम के रूप में दूध के ऊपरी हिस्से में जमा हो जाते हैं, जो बाद हमें मलाई के तौर पर दिखती है. वहीं भाप पानी की तरह बाहर निकलने कोशिश करती है. भाप के प्रेशर के कारण दूध के आस-पास जमा तत्वों की परत ऊपर आने लगती है और ऐसे देखते-देखते दूध बर्तन से बाहर आ जाता है. आपको बता दें कि दूध के ऊपर जमने वाली लेयर को केसीन परत कहा जाता है.
तो भाई ये छोटा सा लॉजिक है, जिसकी वजह से दूध उबल कर गिरता है. अब जिन लोगों को ये समझ आ गया है, वो दूध गर्म करते समय इस पर ग़ौर ज़रूर करें.

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