क्या ये सम्भव है कि किसी के पास करोड़ो की सम्पत्ति हो फिर भी वो वह एक समय की रोटी के लिये तरस जाए। आप कहेंगे ये असम्भव हैं, पर एसा ही कुछ हो रहा है राजस्थान की संजु देवी के साथ। जानिये कैसे करोड़ो की मालकिन होने के बाद भी संजु देवी पाई-पाई के लिये तरस रही हैं।

राजस्थान के सीकर जिले के नीम के थाना तहसील की दीपावास गांव निवासी संजु देवी के पति का निधन 12 वर्षो पहले हो गया था। पति की मृत्यु के बाद तो जैसे परिवार पर परेशानियों का अम्बार टुट पड़ा हो। संजु देवी बड़ी मुश्किलों से अपने परिवार का पेट भरती हैं। अपना और दो बच्चों का पेट भरने के लिये वो खेती बाड़ी और मजदूरी करती हैं। साथ ही जानवार पालकर अपना गुजारा करती हैं। ऐसे हालत में आयकर विभाग के एक खुलासे ने संजु देवी की निन्दें उड़ा दी।

दरसल मामला कुछ एसा हैं, कि जयपुर इनकम टेक्स विभाग को जयपुर-दिल्ली हाइवे में पड़ने वाले दंड गाँव में एक जमीन मिली हैं। इस 64 बीघा जमीन की कीमत करीब 100 करोड़ आंकी गई हैं। कागजो के मुताबिक इस जमीन की मालकिन एक आदिवासी महिला हैं, जो और कोई नहीं संजु देवी हैं। पर इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं हैं।

इस मामले की जड़े तब बाहर आई जब कुछ समय पहले आयकर विभाग के पास यह फरियाद आई थी की दिल्ली-जयपुर हाइवे पर बड़े उद्योगपति जमीन को गरीब आदिवासियों के नाम पर फर्जी रूप से खरीद रहे हैं। दरसल नियमों के अनुसार आदिवासी की जमीन कोई आदिवासी ही खरीद सकता हैं, इसलिये बड़े उद्योगपति फर्जी नामों से इस तरह की जमीने खरीदते हैं। जामीन खरीदने के बाद ये लोग पावर ऑफ अटॉर्नी अपने नाम पर करा लेते हैं। ऐसी ही एक जनीन की जांच करने जब आयकर विभाग की टीम दीपावास गाँव पहुँची, तो उन्हें जानकारी मिली की जिस संजु देवी मीणा के नाम पर 64 बीघा जमीन हैं, वह एक साधारण मजदूरी करने वाली महिला हैं और जिसे इस जमीन की कोई जानकारी नहीं हैं।

महिला से मिली जानकारी के अनुसार, जब उसके पति और ससुर मुंबई में काम करते थे तब एक बार उसे जयपुर के आमेर में लेजाकर किसी दस्तावेज में अंगूठा लगवाया गया था। पर उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि इस तरह उसके नाम पर 100 करोड़ की जमीन की रजिस्ट्री हैं। इसके बाद पति की मृत्यु हो गई और अब बड़ी कठिनाइयों से संजु देवी अपने परिवार को पाल रही हैं। उन्होंने ये भी बताया पति के जाने के बाद पहले कहीं से हर महीने ₹5,000 आते थे, पर अब वो भी बन्द हो गए हैं। ऐसे में अब परिवार की जिम्मेदारी अकेली संजु देवी पर हैं।

आयकर विभाग ने उक्त जानकारी मिलते ही तुरंत मामले को संज्ञान में लिया हैं और बेनामी जमीन अधिनियम के तहत, जमीन को अपने कबजे में ले लिया हैं। विभाग ने जमीन पर एक बैनर लगाया है, जिसमे लिखा हैं कि – ” इस जमीन की मालकिन संजू देवी मीणा हैं, जो इस जमीन की मालकिन नहीं हो सकती हैं, लिहाजा इस जमीन को इनकम टैक्स विभाग फौरी तौर पर अपने कब्जे में ले रहा है !”