भारत देश चमत्कारों का देश है। यहां मंदिर अपने चमत्कार के लिए जाना जाता है। उज्जैन शहर में सिंहस्थ का नजारा देखते ही बनता है। हम आपको एक ऐसे स्थान पर ले जा रहे हैं जहां भगवान मदिरा पान के लिए जाने जाते हैं। उज्जैन शहर से करीब 8 कि.मी. दूर, क्षिप्रा नदी के तट पर कालभैरव मंदिर स्थित है। यह एक वाम मार्गीं तांत्रिक मंदिर है।
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आम आदमी के लिए खुला मंदिर का द्वार:
मंदिर में काल भैरव की मूर्ति के सामने झूले में बटुक भैरव की मूर्ति भी विराजमान है। प्राचीन समय में यहां सिर्फ तांत्रिको को ही आने की अनुमति थी। बाद में ये मंदिर आम लोगों के लिए खोल दिया गया।

मदिरा का सेवन करती मूर्ति:
यहां भगवान भैरव को केवल मदिरा का भोग लगाया जाता है। काल भैरव को मदिरा पिलाने का सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। यह कब, कैसे और क्यों शुरू हुआ, यह कोई नहीं जानता।

कहाँ जाती है शराब:
एक अंग्रेज अधिकारी ने इस बात की गहन तहकीकात करवाई थी की आखिर शराब जाती कहां है। इसके लिए उसने प्रतिमा के आसपास काफी गहराई तक खुदाई भी करवाई थी। लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला।
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