नीमच: सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई गुरुवार को एक अहम फैसला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वेश्यावृत्ति भी एक प्रोफेशन है और पुलिस को उनके काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.

इस फैसले के बाद अब मालवा में अचानक हलचल बढ़ गई है, क्योंकि नीमच, मंदसौर और रतलाम में एक समुदाय की महिलाऐं देह व्यापार को कुप्रथा के रूप में ढो रही हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के अपने-अपने मायने निकाले जा रहे हैं.

दरअसल नीमच, मंदसौर, रतलाम जिलों से गुजरने वाले अंतरराज्यीय राजमार्ग के किनारे लगभग 50 से अधिक ऐसे डेरे हैं, जहां पर देह व्यापार खुले में होता है. बीते वर्षों में पुलिस ने कई छापामार कार्रवाइयों में इन ठिकानों से सैकड़ों ऐसी बच्चियों को मुक्त कराया है, जिनसे देह व्यापार कराया जा रहा था. दरअसल बांछड़ा समाज की महिलाएं युवतियां इस कुप्रथा को लंबे समय से ढोती आ रही है. शाम होते ही हाइवे के किनारे की बस्तियों, डेरे गुलजार हो जाते हैं.

 इस फैसले के बाद नाबालिग बच्चियों का शोषण बढ़ेगा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सेक्स वर्कर्स को उनकी व्यवसायगत आजादी होनी चाहिए. पुलिस, प्रशासन या तंत्र उन्हें बिनावजह परेशान न करे. उन्हें भी सम्मान से जीने का हक है. इस फैसले के बाद इस समुदाय में खासी हलचल है. लेकिन इसी समुदाय के जो सुधारवादी युवा हैं, वे यह भी चिंता में डुवे हुए है कि इन फैसले की आड़ में नाबालिग बच्चियों के साथ शोषण और बढ़ जायेगा.

हाईकोर्ट में लगी है याचिका
उल्लेखनीय है कि नाबालिग बच्चियों से मालवा में देह व्यापार कराने पर रोक लगाने के लिए समुदाय के एक युवा आकाश चौहान ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब नाबालिग बच्चियों का देह व्यापार बढ़ेगा, क्योंकि यहां नेशनल हाइवे पर कई अवैध ढाबे हैं, जहां देह व्यापार आसानी से होता है. अभी फिलहाल नीमच, मंदसौर और रतलाम लगभग 2000 नाबालिग बच्चियां देह व्यापार में लिप्त है. कोर्ट के फैसले के बाद अब इस समुदाय के लोग को खुल्ली छूट मिल गई है. जिसके साथ नाबालिक बच्चिओं के शोषण बढ़ जायेगा जो उनकी जान के लिए बहुत खतरनाक होगा।

बांछड़ा समुदाय का
बता दें कि राजस्थान से सटे सीमावर्ती जिलों में स्थित बांछड़ा समुदाय के डेरों पर वेश्‍यावृति का खुला खेल चलता है. नीमच, मंदसौर और रतलाम जिले के 68 गांवों में जिस्‍मफरोशी के कई अड्डे हैं. देश का यह इलाका जिस्मफरोशी के लिए बदनाम है. यहां मां और पिता के सामने बेटी अलग-अलग मर्दों के साथ रिश्ते बनाती है. कई बार तो खुद मां-बाप अपनी बेटी के लिए पार्टनर (ग्राहक) खोजते हैं.