बरसाना: सीएम योगी ने रंगोत्सव का शुभारंभ किया, ब्रज की परंपरा और विकास पर केंद्रित रहा संदेश
मथुरा। बरसाना में रंगोत्सव का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी तरह से ब्रज की परंपरा निभाई। उन्होंने न राजनीति की चर्चा की, न कूटनीति की बात की। सीधा राधा रानी के चरणों में आशीर्वाद लिया और फूलों की होली खेलकर भक्तों को बधाई दी। उनके भाषण में काशी, अयोध्या और प्रयागराज के विकास का जिक्र हुआ, साथ ही ब्रज के उत्थान की चिंता भी झलकी।
धर्म और मर्यादा में बंधा अंदाज
मुख्यमंत्री योगी, जो अक्सर अपने तेज-तर्रार बयानों के लिए जाने जाते हैं, इस बार बरसाना में एक शांत और मर्यादित अंदाज में नजर आए। राधा रानी की नगरी में उन्होंने खुद को ब्रज की परंपराओं के अनुसार ढाला। सबसे पहले राधा रानी मंदिर में दर्शन और पूजन किया, फिर मंदिर के शिखर से श्रद्धालुओं को होली की शुभकामनाएं दीं। इसके बाद राधा बिहारी इंटर कॉलेज परिसर में रंगोत्सव का शुभारंभ किया।
भाषण में विकास पर फोकस
सीएम योगी के संबोधन में काशी, प्रयागराज और अयोध्या के विकास की चर्चा रही, लेकिन प्रमुख रूप से ब्रज के विकास पर जोर दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब ब्रज का विकास प्राथमिकता में है। पूरे भाषण के दौरान राधा रानी, वृंदावन बिहारी लाल और यमुना मैया का गुणगान करते हुए उन्होंने आस्था और विकास का संदेश दिया। राजनीतिक हमलों से पूरी तरह दूर, उनका पूरा भाषण ब्रज की संस्कृति और विकास पर केंद्रित रहा।
यमुना मैया की निर्मलता पर चर्चा
मुख्यमंत्री ने यमुना मैया को निर्मल और अविरल बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प का उल्लेख किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही यमुना मैया की स्थिति में सुधार होगा। दिल्ली सरकार का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे रामभक्तों की सरकार बताया, लेकिन किसी पूर्व सरकार पर कोई हमला नहीं किया।
सद्भाव पर जोर, विवादों से परहेज
बरसाना में होली का यह आयोजन पूरी तरह से सांस्कृतिक और पारंपरिक रंगों में रंगा रहा। एएमयू में होली को लेकर छिड़ी बहस पर मुख्यमंत्री से प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने बस होली को आपसी सद्भाव का त्योहार बताते हुए अपनी बात पूरी की।
सीएम योगी का यह सधा हुआ और मर्यादित अंदाज यह संदेश देता है कि अब फोकस सिर्फ ब्रज की परंपराओं और विकास पर होगा।