राज्य सरकार बाल श्रम रोकने को सजा और जुर्माना के प्रावधान को सख्त करने जा रही है अब बाल श्रम मजदूरी का मामला पकड़े जाने पर कारखाना मालिक फैक्ट्री मालिकों को हो सकती है 1 साल तक की जेल 60 हजार तक जुर्माना वसूले जाने का प्रस्ताव है बाल श्रम अधिनियम की राज्य नियमावली में बदलाव का प्रताप तैयार है इसे राज्य स्तरीय समिति इजाजत दे चुकी है अब कैबिनेट की मुहर लगने के बाद नए बदलाव प्रदेश में प्रभावी हो जाएंगे लेकिन यूं तो कारखानों फैक्ट्रियों में बच्चों से काम कराने पर अभी भी सजा और जुर्माना का प्रावधान है मगर अब इसमें बदलाव किया जा रहा है
3 महीने से 1 साल की सजा का प्रावधान
लेकिन अभी तक बाल श्रम का मामला पकड़े जाने पर 5 से 20 हजार रुपए तक का जुर्माना वसूला जाता था और साथ ही 1 से 3 महीने तक की जेल का प्रावधान है वहीं राज्य सरकार ने अब जुर्माने को बढ़ाकर नेताओं 20,000 से अधिकतम ₹60000 तब किए जाने का प्रस्ताव है और सजा भी 3 महीने से 1 साल तक किया जाने का प्रस्तावित है वहीं सजा और जुर्माना बढ़ाए जाने के पीछे मंशा बाल श्रम के मामलों की रोकथाम करने के लिए है राज्य सरकार अब ऐसे बाल श्रमिक परिवारों को भी विभिन्न योजनाओं से जुड़े की इसके लिए भी विभिन्न विभागों के साथ मिलकर कार्य योजना बनाएगी
पहली बार नोटिस, फिर सजा
नई व्यवस्थाओं में बाल श्रमिक का मामला पकड़े जाने के बाद पहली बार में गलती स्वीकारने की स्थिति में कारखाना मालिक या फैक्ट्री मालिक को सजा नहीं होगी मगर जुर्माना वसूल कर मामले का नोटिस कर दिया जाएगा अगर दूसरी बार पकड़े जाने पर शक्ति होगी और सीधे सजा का प्रावधान होगा