सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ तमिलनाडु हेलीकॉप्टर दुर्घटना में गंभीर घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का निधन हो गया। 7 दिन तक जिंदगी के लिए उनका संघर्ष खत्म हो गया।
उनके पिता ने दो दिन पहले कहा था कि वरुण एक फाइटर है। वह जीतकर ही बाहर आएंगे। पर, ऐसा नहीं हुआ। वरुण सिंह जिंदगी की जंग हार गए। गुरुवार सुबह 10 बजे उनकी पार्थिव देह भोपाल लाई जाएगी। उनका अंतिम संस्कार भोपाल में होगा।
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वरुण के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं। वह इस समय बेंगलुरू में हैं, जहां कैप्टन वरुण सिंह का इलाज चल रहा था। उनके घर पर कोई नहीं है। इसके बाद भी बुधवार सुबह वरुण की मौत की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर है। सन सिटी कॉलोनी के पड़ोसी उनके घर के बाहर जुट गए थे। कर्नल के पड़ोसी दलजीत सिंह ने बताया कि अंतिम संस्कार भोपाल में होगा। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की पार्थिव देह सेना के विमान से गुरुवार को भोपाल आएगी। 17 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार होगा। इससे पहले खबरें आ रही थी कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले हैं। इस वजह से अंतिम संस्कार देवरिया में भी हो सकता है।

कर्नल केपी सिंह के दोस्त कर्नल महेंद्र त्यागी ने कहा कि वरुण बड़े पराक्रमी थे। सुबह वरुण के निधन की जानकारी मिली। हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि वरुण अब हमारे बीच नहीं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने वरुण सिंह के निधन पर शोक जताया है।
20 साल पहले आए थे भोपाल
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का परिवार 20 साल पहले भोपाल शिफ्ट हुआ था। पिता केपी सिंह और मां उमा सिंह यहीं रहते हैं। वरुण अपनी पत्नी-बच्चों के साथ वेलिंग्टन में रहते थे। उनका छोटा भाई तनुज नौसेना में लेफ्टिनेंट कमांडर है।
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