दुनिया का शायद ही कोई ऐसा देश होगा जहां अपराध न होता हो. पिछले कुछ दशकों से कई एशियाई और अफ़्रीकी देशों में क्राइम तेज़ रफ़्तार से बढ़ रहा है. भारत, पाकिस्तान और चीन समेत कई एशियाई देशों की जेलों में तो अपराधी ही नहीं, बल्कि बेगुनाह भी सालों से जेल की सजा काट रहे हैं, लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां क्राइम रेट तेज़ी से घट रहा है. इन्हीं में से एक देश नीदरलैंड्स (Netherlands) भी है.

यूरोपियन देश नीदरलैंड्स (Netherlands) आज दुनिया का इकलौता ऐसा देश बन गया है, जहां अब एक भी अपराधी ऐसा नहीं बचा, जिसे जेल भेजा जा सके. आपको हमारी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन ये सौ फ़ीसदी सच है. नीदरलैंड्स की जेलों में अपराधी नहीं होने की वजह से अब उन्हें बंद किया जा रहा है.

नीदरलैंड्स की जेलें पड़ी हैं वीरान

वर्तमान में नीदरलैंड्स (Netherlands) की कुल आबादी 1.74 करोड़ है, यानि भारत की राजधानी दिल्ली से भी कम. जबकि वर्तमान में दिल्ली की पॉपुलेशन 2 करोड़ से अधिक है. बावजूद इसके दिल्ली के मुक़ाबले नीदरलैंड्स में अपराध न के बराबर है. अपराधी नहीं होने की वजह से नीदरलैंड्स की जेलें वीरान पड़ी हुई हैं.

साल 2016 में टेलीग्राफ़ यूके में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक़, नीदरलैंड्स के क़ानून मंत्रालय ने तब सुझाव दिया था कि अगले 5 सालों में देश में हर साल कुल अपराध में 0.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी. नीदरलैंड्स की सरकार ने सच में ऐसा कर दिखाया और आज नीदरलैंड्स दुनिया का सबसे सुरक्षित देश बन गया है.

जेलें बंद होने से कर्मचारी बेरोज़गार

साल 2013 में नीदरलैंड्स की जेलों में केवल 19 क़ैदी थे. लेकिन साल 2018 तक इस देश में कोई अपराधी नहीं बचा था. ऐसे में नीदरलैंड्स की सरकार ने जेलें बंद करने का फ़ैसला किया. इस फ़ैसले से जेल के क़रीब 2000 कर्मचारी नौकरी गंवाने की कगार पर थे. इस दौरान सरकार ने इनमें से केवल 700 कर्मचारियों का ही दूसरी जगहों पर ट्रांसफ़र किया. बाकी कर्मचारी बेरोज़गार हो गये थे.

 

नीदरलैंड्स में अपराध ख़त्म होने की क्या वजह है  

नीदरलैंड्स की जेलों में क़ैदियों के लिए ‘इलेक्ट्रॉनिक एंकल मोनिटरिंग सिस्टम’ है. इसके तहत हर क़ैदी के पैर में एक ऐसी डिवाइस पहनाई जाती है, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस की जा सके. ये डिवाइस एक रेडियो फ्रीक्वेंसी सिग्नल भेजता है. जिसमें अपराधियों की लोकेशन का पता चलता है. यदि कोई अपराधी किसी अनुमत सीमा से बाहर जाता है, तो पुलिस को सूचना मिल जाती है. यही ‘इलेक्ट्रॉनिक एंकल मोनिटरिंग सिस्टम’ देश में अराधिक दर ख़त्म करने में सक्षम रही है.

‘नॉर्वे’ से मंगाने पड़ रहे हैं क़ैदी

पिछले क़रीब 4 सालों से खाली पड़ी जेलों को खंडहर बनने से बचाने और बेरोज़गार कर्मचारियों को रोज़गार देने के लिए नीदरलैंड्स की सरकार को अब ‘नॉर्वे’ से क़ैदियों को मंगाना पड़ रहा है. सरकार के इस फ़ैसले की वजह से अब फिर से कई लोगों को रोज़गार मिल पा रहा है.

नीदरलैंड्स की क़ानून व्यवस्था की सबसे अच्छी बात ये है कि, वहां की जेलों में क़ैदियों को दिन भर बंद करके रखने के बजाय अपराधी को उसके इंटरेस्ट के मुताबिक़ काम करने की आज़ादी दी जाती है. लेकिन नीदरलैंड्स में जेलें बंद होना का अर्थ ये भी है कि एक देश, एक प्रणाली, एक सरकार और नागरिकों के रूप में नीदरलैंड्स सफ़ल हुआ है.