फिरोजाबाद। कोटला चुंगी स्थित रत्नत्रय नसियाजी मंदिर में सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन मुनि अमित सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में किया जा रहा है। रविवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। मंत्रोच्चारण के बीच श्रद्धालुओं ने श्रीजी के समक्ष 32 अर्घ्य चढ़ाए। जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा।
सिद्धचक्र महामंडल विधान में विधानाचार्य आचार्य प्रदीप और सुब्रत जैन ने मंत्रोच्चारण किया। आचार्य सुलभ सागर और मुनि अमित सागर महाराज के सानिध्य में विधान संपन्न हुआ। इस दौरान भक्तजन संगीतमय भजनों पर नृत्य करते हुए भक्ति में लीन नजर आए।
मुनि अमित सागर महाराज ने कहा कि यदि देव, शास्त्र और गुरु में सच्ची श्रद्धा रखकर पूजा-पाठ किया जाए, तो चमत्कार आज भी संभव हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम अपने खानपान और क्रियाओं में शुद्धता भूलते जा रहे हैं। अपने चरित्र को शुद्ध रखने और अहंकार को त्यागने की आवश्यकता है।
उन्होंने सिद्धचक्र महामंडल विधान की महत्ता पर भी प्रकाश डाला और इसे आत्मिक शुद्धि व जीवन की सकारात्मक दिशा में एक महत्वपूर्ण साधन बताया।