संविधान के नियमों का कार्ड में है जिक्र
कार्ड में भगवान गणेश या किसी दूसरे भगवान के चित्र की जगह न्याय के तराजू की तस्वीर है जिसमें अजय और उनकी पत्नी का नाम दोनों तरफ लिखा हुआ है. गौर करने वाली बात ये है कि नाम एक बराबर लिखा है जिससे ये पता चलता है कि वर-वधु एक बराबर और एक समान हैं. कार्ड के ऊपर इंविटेशन नहीं नोटिस (Wedding Card like court notice) लिखा हुआ है जैसे कोर्ट में नोटिस दी जाती है. इसके बाद बताया गया है कि आर्टिकल 21 यानी जीने के अधिकार के अंतर्गत शादी करने का भी अधिकार होता है. इसलिए अजय अपने इस मौलिक अधिकार का इस्तेमाल कर शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा कार्ड
यही नहीं, लोगों को रिसेप्शन में बुलाने के लिए आर्टिकल 19 का भी जिक्र किया गया जिसका अर्थ है लोग शांतिपूर्ण ढंग से एकत्रित हो सकते हैं. कार्ड के दूसरे पेज पर हिन्दू मैरेज एक्ट 1955 के बारे में बताया गया है. आपको बता दें कि शख्स की शादी 28 नवंबर को है और 1 दिसंबर रिसेप्शन होना है. कार्ड के अंत में लिखा है- ‘जब वकीलों की शादी होती है, तो वो ‘हां’ नहीं कहते, वो नियम और शर्तों को स्वीकार करते हैं.’ इस कार्ड के वायरल होने के बाद से ही लोग कार्ड की तारीफ कर रहे हैं. एक शख्स ने कमेंट करते हुए लिखा- जीवन की कोर्ट में केस जीतने पर आपको बधाई.