महंगाई की वजह से बुझे उज्जवला के चूल्हे

महिलाओं को धुएं से निजात दिलाने के लिए उज्जवला योजना में दिए गए गैस सिलेंडर और चूल्हे की आग महंगाई की वजह से पूरी तरह ठंडी पड़ चुकी है
केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मुफ्त में तो दे दिए लेकिन बढ़ती महंगाई में सिलेंडरों के दाम बढ़ने से लोग सिलेंडर रिफिल नहीं करा पा रहे हैं
दिन प्रतिदिन सिलेंडर के दामों में वृद्धि की खबरें सामने आती हैं और सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी भी अब केंद्र सरकार ने पूरी तरह बंद कर दी है जिसके कारण सिलेंडर की कीमत हजार रुपए के करीब पहुंचने से गांव की महिलाओं ने अपने गैस सिलेंडर और गैस चूल्हे उठा कर रख दिए है और वह फिर से धुएँ में अपनी आंखें फोड़ने पर मजबूर हो गई है
जनपद फिरोजाबाद के गांव जरौली खुर्द में जब हमने जाकर देखा तो वहां की महिलाएं गैस सिलेंडर को छोड़ चूल्हे पर रोटी बनाती मिली
जब हमने उन महिलाओं से पूछा कि जब आपके यहां गैस सिलेंडर है तो चूल्हे पर रोटी क्यों बना रही हो
तो उनका कहना था कि सरकार ने सिलेंडर तो मुफ्त में दे दिया लेकिन सिलेंडर की कीमत इतनी बढ़ा दिया कि हम सिलेंडर की रिफिल नहीं करवा पा रहे है और इसलिए हमने अपने गैस सिलेंडर को बंद करके रख दिया है और दुबारा से चूल्हे पर रोटी बना रहे हैं
इन सब चीजों को देखते हुए साफ नजर आता है कि प्रधानमंत्री द्वारा चलाई गई उज्ज्वला योजना का उजाला फीका का पडता हुआ नजर आ रहा है यानी कि उज्जवला योजना के लाभार्थी सरकार की इस योजना से पूरी तरह सहमत नहीं है

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