हाल ही में भारत के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) की हेलीकॉप्टर क्रैश से हुई मौत ने पूरे देश को हैरान कर दिया था. इस दुर्घटना के पीछे की वजह ढूंढने के लिए तेज़ी से जांच चल रही है. इसके पीछे कुछ विशेषज्ञ हेलीकॉप्टर में कमी ठहरा रहे हैं तो कुछ मौसम को इस बात का ज़िम्मेदार मान रहे हैं. कुछ का मानना है कि इस घटना के पीछे हेलीकॉप्टर पर प्राकृतिक बिजली गिरने की भी बड़ी संभावना हो सकती है.
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तो आइए जानते हैं कि वास्तव में क्या होता है जब हेलीकॉप्टर पर बिजली गिरती है-
कई फैक्टर्स पर करता है निर्भर
दुनिया भर के विमान लगभग रोजाना बिजली की चपेट में आते हैं. कमर्शियल सर्विस में एक हवाई जहाज हर साल औसतन एक बार बिजली के झटके से प्रभावित होता ही है. हालांकि, जिस फ्रीक्वेंसी से एक विमान हिट होगा, वो कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है.
इसमें ये देखा जाता है कि विमान ने कितने टेक-ऑफ़ और लैंडिंग की हैं. क्योंकि बिजली का 5,000 और 15,000 फीट के बीच गिरना ज़्यादा सामान्य है. ये भौगोलिक कारकों पर भी निर्भर करता है. उदाहरण के लिए, इसका फ्लोरिडा और अमेरिका के पश्चिमी तट की तुलना में भूमध्य रेखा के आस पास गिरना बहुत अधिक आम है.
विमान पर बिजली गिरने पर क्या होता है?
एल्युमिनियम करंट का नेतृत्व करता है. बिजली आमतौर पर विमान के उभरे हुए हिस्से से टकराती है. जैसे कि नाक या पंख की नोक पर. ये करेंट विमान की बॉडी के साथ यात्रा करता है और कम से कम प्रतिरोध का रास्ता चुनता है. हालांकि विमान के अंदर एक टूल मौजूद होता है, जो यात्रियों और पूरे विमान की रक्षा करता है.
क्या हो सकता है नुकसान?
अगर कोई विमान बिजली की चपेट में आता है, तो पायलट ये सुनिश्चित करने के लिए सभी सिस्टम की जांच करते हैं. वो ये देखते हैं कि सब कुछ ठीक उसी तरह काम कर रहा है जैसा उसे करना चाहिए. बिजली गिरने से विमान के इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स ख़राब होने की आशंका रहती है. साथ ही उन जगहों पर छोटे-छोटे छेद दिखाई दे सकते हैं जहां से करेंट प्रवेश करता है.
विमान पर बिजली गिरने पर क्या होता है?
एल्युमिनियम करंट का नेतृत्व करता है. बिजली आमतौर पर विमान के उभरे हुए हिस्से से टकराती है. जैसे कि नाक या पंख की नोक पर. ये करेंट विमान की बॉडी के साथ यात्रा करता है और कम से कम प्रतिरोध का रास्ता चुनता है. हालांकि विमान के अंदर एक टूल मौजूद होता है, जो यात्रियों और पूरे विमान की रक्षा करता है.
क्या हो सकता है नुकसान?
अगर कोई विमान बिजली की चपेट में आता है, तो पायलट ये सुनिश्चित करने के लिए सभी सिस्टम की जांच करते हैं. वो ये देखते हैं कि सब कुछ ठीक उसी तरह काम कर रहा है जैसा उसे करना चाहिए. बिजली गिरने से विमान के इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स ख़राब होने की आशंका रहती है. साथ ही उन जगहों पर छोटे-छोटे छेद दिखाई दे सकते हैं जहां से करेंट प्रवेश करता है.
जनरल विपिन रावत हेलकॉप्टर हादसे में क्या हुआ होगा? इसकी अब तक किसी को कोई जानकारी नहीं है.
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