आचार संहिता

जैसे ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होता है हम सब देखते हैं कि आचार संहिता लागू हो जाती है। बहुत बार आप सब सुने भी होंगे कि आचार संहिता लागू है कुछ काम अभी नहीं होगा, बहुत कोई ऐसे भी हैं जिससे पता नहीं होगा कि आखिर आचार संहिता कब से लागू होती है?, आचार संहिता से क्या होता है? जानिये आचार संहिता के नियम कानून व प्रावधान. आचार संहिता क्‍या है?, आचार संहिता कब तक लागू रहेगी?, तो चलिए हम सब इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं।

सबसे पहले आचार संहिता क्या है?

हमारा देश आजाद है और यहां पर सभी को बराबर का सम्मान दिया जाता है। उसी तरह देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हमारे देश के चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है, और इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। जब भी देश में लोकसभा, विधानसभा का चुनाव होता है इन नियमों का पालन करना नेता, सरकार, और सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है। इन नियमों को पालन करने में जो चूक जाते हैं उन्हें कानूनी सजा भी दी जाती है।

आचार संहिता कब से लागू होती है?

हमारे देश में लोकसभा के चुनाव हर 5 साल में एक बार होती है, और सभी राज्यों में भी चुनाव 5 साल के बाद ही होती है, लेकिन समय अलग-अलग होती है।
चुनाव से पहले चुनाव आयोग चुनाव के कार्यक्रमों का ऐलान करते हैं, और करते ही आचार संहिता लागू हो जाती है।

कब तक लगी रहती है आचार संहिता?

देश में चुनाव बहुत सारे चरणों में की जाती है ताकि चुनाव शांतिपूर्ण हो जाए। चुनाव होते ही एक-दो दिन में वोटों की गिनती होने लगती है, आचार संहिता चुनाव के ऐलान करने से लेकर वोटों की गिनती होने तक लगी रहती है।

आचार संहिता से क्या होता है?

आचार संहिता जैसे ही लागू होती है आप देखते होंगे कि प्रचार प्रसार बंद हो जाती है। आचार संहिता का उद्देश्य दो दलों के बीच मतभेद, झगड़ा टालने का, शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराना होता है। आचार संहिता लागू होने से यह निश्चित किया जा सकता है कि 2 राजनीतिक दल या उनके कार्यकर्ता चुनाव का लाभ लेने के लिए गलत प्रयोग ना कर सके।

आचार संहिता के नियम कानून व प्रावधान

1. जाति/धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगी जा सकती है।

2. पुलिस की अनुमति के बिना कोई भी राजनीतिक रैली नहीं की जा सकती है।

3. चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले आदि किसी भी सरकारी संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

4. कोई भी सरकारी घोषणा, लोकार्पण या किसी योजना या कार्य का शिलान्यास आदि कोई कार्य नहीं किया जा सकता।

5. चुनाव के दौरान सरकारी खर्च से कोई ऐसा आयोजन नहीं किया जा सकता जिससे किसी भी दल विशेष को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी प्रकार का लाभ प्राप्त हो सके।