आपने आज तक भगवान शिव के अनेक मंदिरों के दर्शन किए होंगे लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर भी है जो दिन में दो बार गायब हो जाता है। अपनी इसी खासियत की वजह से ये मंदिर भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां आने वाले भक्त रोज इस मंदिर को गायब होते देखते हैं।
इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ने के लिए हमारी एंड्राइड ऐप का इस्तेमाल करें ऐप डाउनलोड करें
वड़ोदरा में स्थित है ये मंदिर:
गुजरात के वड़ोदरा से कुछ दूरी पर जंबूसर तहसील के कावी कंबोई गांव में भगवान शिव का यह मंदिर स्थित है। स्तंभेश्वर महादेव मंदिर को गायब मंदिर नाम से भी जाना जाता है। स्तंभेश्वर नाम का यह मंदिर सुबह और शाम को पलभर के लिए ओझल हो जाता है।

मंदिर के गायब होने का कारण:
ओझल होने के कुछ समय बाद ही ये मंदिर अपने स्थान पर नजर आने लगता है। समुद्र किनारे मंदिर होने की वजह से जब भी ज्वार-भाटा उठता है तब पूरा मंदिर समुद्र में समा जाता है। यही वजह है कि लोग मंदिर के दर्शन तभी तक कर सकते हैं, जब समुद्र में ज्वार कम हो।

क्या है मान्यताएं:
देवता, ऋषि-मुनि और आमजन सभी ताड़कासुर अत्याचार से बहुत दुखी थे, ऐसे में भगवान कार्तिकेय ने अपने बाहुबल से ताड़कासुर का वध कर दिया। भगवान विष्णु ने उनसे कहा कि वे वधस्थल पर शिवालय बनवाएं, इससे उनके मन को शांति प्राप्त होगी, भगवान कार्तिकेय ने ऐसा ही किया, फिर सभी देवताओं ने मिलकर महिसागर संगम तीर्थ पर विश्वनंदक स्तंभ की स्थापना की।
इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ने के लिए हमारी एंड्राइड ऐप का इस्तेमाल करें ऐप डाउनलोड करें