लखनऊ. बच्चों को कोविड-19 की तीसरी लहर से बचाने के लिए अब वेक्सीन आ गयी है. भारत के दवा महानियंत्रक( बीसीसीआई) ने जायडस कैडिला की तीसरी डोज वाली जायकोव-डी वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है.यह वैक्सीन 12 साल से 18 साल तक के बच्चों को दी जाएगी. सरकार ने कहा है कि यह पहली वैक्सीन होगी जो 12 से 18 साल के आयु के बच्चों को लगाई जाएगी .विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की कभी भी कोविड़ की तीसरी लहर आ सकती है.जिसमें सबसे ज्यादा 18 वर्ष से कम उम्र वर्ग के बच्चों को प्रभावित कर सकती है. बच्चों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार कोई भी रिस्क लेने को तैयार नहीं है. इस वजह से सरकार ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. जल्द ही यह बाजारों में उपलब्ध हो जायगी
बिना दर्द के बच्चों के लगाई जाएगी वैक्सीन

बच्चों का ध्यान रखते हुए इस वैक्सीनेशन में खासकर फार्मा जेट तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. यह बिना निडिल वाली एक मशीन होती है. जो कि प्रेशर से वैक्सीन को तेजी से शरीर के अंदर इंजेक्ट कर देगी. इसके इस्तेमाल में बच्चों को बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा .पलक झपकते ही वेक्सीन शरीर के अंदर पहुंच जाएगी

जानिए कितने समय अंतराल पर व कितनी डोज दी जाएगी .

कंपनी के मुताबिक 3 डोज इस वैक्सीन की बच्चों को दी जाएगी. पहली डोज के बाद 21 दिन का अंतर होगा ,वहीं दूसरी डोज 21 दिन के बाद, वहीं तीसरी डोज 56 दिनों बाद दी जाएगी .कंपनी का एक तर्क यह भी है कि ट्रायल के दौरान दो डोज देने पर भी एक जैसे नतीजे आ रहे हैं. इस वजह से बच्चों के लिए सिर्फ दो डोज ही काफी हैं.

कैसे काम करती है वैक्सीन

यह वैक्सीन डीएनए पर आधारित है.यह वैक्सीन इंसानों के शरीर में सेल की मदद से कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन तैयार करेगी .वैक्सीन देने के बाद शरीर को कोरोना के अहम हिस्सों की पहचान करने में मदद मिलेगी. इस तरह शरीर इस वायरस से लड़ने को अपने आपको तैयार करेगा. यह एक तरह से वायरस का डिफेंस होगा.

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