फिरोजाबाद। बसपा जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार वरुण के इस्तीफे के बाद पार्टी में इस्तीफों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी सालिग सिंह, जिला उपाध्यक्ष संजीव शर्मा, और कई अन्य पदाधिकारियों ने बसपा सुप्रीमो मायावती को अपना इस्तीफा भेज दिया।
इस्तीफों का दौर जारी
बसपा के वरिष्ठ नेताओं और जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का इस्तीफा पार्टी में अस्थिरता का संकेत दे रहा है। जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार वरुण को पार्टी से निकाले जाने के बाद इस्तीफों की बाढ़ आ गई है।
इस्तीफा देने वालों में पूर्व जिलाध्यक्ष और जसराना विधानसभा प्रभारी चौधरी सालिग सिंह, जिला उपाध्यक्ष संजीव शर्मा, टूंडला विधानसभा अध्यक्ष नरेश कुमार गौतम, सिरसागंज विधानसभा अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, जिला सचिव सुधीर कुमार सिंह, बीवीएफ जिलाध्यक्ष जेआर निगम, और शिकोहाबाद इकाई अध्यक्ष डॉ. हरी सिंह सहित कई अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा
इस्तीफे में शामिल अन्य पदाधिकारियों में फिरोजाबाद विधानसभा के प्रभारी शम्मी भाई अब्बासी, विधानसभा अध्यक्ष सुरेश चंद्र सोनी, पूर्व अध्यक्ष हरिजीत सिंह, जीतू जाटव, हितेंद्र सिंह उर्फ जीतू चौधरी, और रमेश दिवाकर जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
पार्टी की प्रतिक्रिया
बसपा के जिला प्रभारी अनिल भाटिया ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो मायावती ने जिला और विधानसभा इकाइयों को भंग कर दिया है। इस्तीफा देना अनुचित है क्योंकि जल्द ही नई इकाइयों का गठन किया जाएगा।
पार्टी को पुनर्गठित करने की योजना
बसपा के मुख्य जोन कोऑर्डिनेटर और पूर्व एमएलसी भीमराव आंबेडकर ने घोषणा की कि पार्टी सुप्रीमो के निर्देशन में संगठन को मजबूत करने के लिए 15 मार्च को आगरा में कांशीराम जयंती मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला और विधानसभा कमेटियों का शीघ्र गठन किया जाएगा।
नए सदस्यों को दी गई पार्टी की सदस्यता
सोमवार को कोटला चुंगी स्थित ऑडिटोरियम में हुई बैठक में भीम आर्मी से जुड़े अंशुल, आकाश, और योगेश जाटव को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। इस दौरान यादवेंद्र सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में मौजूद अन्य नेता
बैठक में चंद्रप्रकाश जैन, सुरेंद्र बर्द्धन, डॉ. बारेलाल, साबिर कुरैशी, श्यामवीर बघेल, संदीप कुमार स्वर्णकार, प्रमोद भारतीय, डॉ. जितेंद्र बघेल, सूरज किरन सच्चिदानंद, और अन्य नेताओं ने विचार व्यक्त किए। पंचायत चुनावों को मजबूती से लड़ने की घोषणा के साथ बैठक का समापन हुआ।