चित्तौड़गढ़, 7 दिसम्बर। राजस्थान को आटा साटा प्रथा और बाल विवाह से अभी भी मुक्ति नहीं मिली है। ताजा मामला राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में सामने आया है। यहां पर बड़ीसादड़ी के सरथला गांव की नौवीं कक्षा की एक छात्रा ने एसडीएम बिंदु बाला राजावत के पास पहुंचकर अपना बाल विवाह रुकवाने की गुहार लगाई है।

 

दरअसल, बड़ीसादड़ी के सरथला गांव के कन्हैया लाल मेनरिया की बेटी कृष्णा मेनारिया का आरोप है कि परिजन 11 दिसंबर को आटा साटा प्रथा के तहत उसका बाल विवाह करवाना चाहते हैं, जबकि वह अभी अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करके कुछ बनना चाहती है। वह शादी नहीं करना चाहता।

एसडीएम को अपने विवाह का कार्ड सौंपते हुए छात्रा ने यह भी बताया कि घर में एक माह से उसकी शादी की तैयारियां चल रही थी, मगर उसे भनक तक नहीं लगने दी। उसकी शादी आटा साटा प्रथा के तहत अपने बुआ पांदूडी देवी के बेटे शम्भू लाल की शादी के बदले गांव के ही करण पुत्र लक्ष्मीलाल मेनारिया के साथ हो रही है। जब दादा रामेश्वर लाल मेनारिया और ताउ प्रभु लाल मेनारिया ने उसे 11 दिसम्बर की उसकी शादी तय करने जानकारी दी तो वह चौंक गई।

कृष्णा मेनारिया में अपनी शिकायत में बताया कि उसकी बिना ​मर्जी के शादी की सुनकर वह चौंक गई और तय किया कि वह अभी नहीं करेगी। परिवार वालों ने किसी ने साथ नहीं दिया तो सोमवार को स्कूल छुट्‌टी के बाद पुलिस थाने पहुंचकर एसएचओ कैलाश चंद्र सोनी को सारी बात बताई। उन्होंने एसडीएम ऑफिस भेजा।

मीडिया से बातचीत में एसडीएम बिंदु बाला राजावत ने बताया कि छात्रा कृष्णा की पूरी बात सुनी और फिर उसे परिजनों को बुलाकर समझाया कि वे बाल विवाह व आटा साटा प्रथा के तहत बच्चों की शादियां ना करें। साथ ही उन्हें कृष्णा का बाल विवाह नहीं करने के लिए भी पाबंद किया गया है।

जबरन बाल विवाह की सूचना पर चित्तौड़गढ़ महिला एवं बाल विकास विभाग से पर्यवेक्षक दीपमाला शर्मा, प्रचेता उषा बैरागी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भगवती शर्मा भी मौके पर पहुंचे। परिवार से मिलकर समझाश की और बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया। परिजनों से शपथ पत्र पर लिखवाया गया है।