दाऊ दयाल महिला महाविद्यालय में संगीत विभाग की अध्यक्षा डॉ रूमा चटर्जी के कुशल निर्देशन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में आगरा से पधारे हारमोनियम वाद्ययंत्र के विशेषज्ञ श्री रविंद्र तलेगांवकर जी ने बताया कि संगीत एक ऐसी विधा है जिसमें पूरी तरह से साधना किए बिना स्वर प्राप्त नहीं होते।
इस संदर्भ में तलेगांवकर जी ने छात्राओं को विस्तृत जानकारी के साथ अवगत कराया कि हारमोनियम वाद्य यंत्र किस प्रकार बजाया जाए? उसे बजाने से पूर्व क्या-क्या अभ्यास आवश्यक हैं?आदि। संगीत की दुनिया में अपनी खास पहचान रखने वाला अत्यंत मुश्किल स्वर जिसे झाला स्वरर कहा जाता है, उक्त स्वर पर आधारित मधुर एवं कर्णप्रिय गीत की प्रस्तुति दी गई जिसकी तबले की थाप पर संगत की थी ऋषि कुमार ने।
कार्यशाला में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० रेनू वर्मा ने भी विविध रागों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए छात्राओं का उचित मार्गदर्शन किया।इस अवसर पर प्रो०विनीता गुप्ता, प्रो० विनीता यादव, डॉ स्नेह लता सहित समस्त महाविद्यालय परिवार के सदस्यों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया।