Adhik Maas Purnima 2023: अधिक मास की पूर्णिमा आज है. इस बीच अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम ने कुछ उपाय बताए हैं, जिससे आपको भगवान विष्णु, भगवान शंकर और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिल सकता है.
अयोध्या. सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व माना जाता है. पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान, ध्यान, पूजा पाठ और व्रत का भी विधान है. इतना ही नहीं, इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान भी देते हैं. पूर्णिमा की तिथि इसलिए भी खास मानी जाती है, क्योंकि चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखाई देता है. साथ ही पूर्णिमा के दिन चंद्र पूजन करने से चंद्र दोष से भी मुक्ति मिलती है.
इस सावन के पवित्र महीने में अधिक मास भी लगा है, जिसमें दो अमावस्या और पूर्णिमा की तिथि भी पड़ेंगी. हिंदू पंचांग के मुताबिक, अधिक मास की पूर्णिमा 1 अगस्त (आज, मंगलवार) और सावन की पूर्णिमा 30 अगस्त को है. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे कि अधिक मास की पूर्णिमा के दिन कुछ बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
3 साल बाद लगता है अधिक मास
अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम ने बताया कि पंचांग के मुताबिक, 3 साल बाद अधिक मास लगता है. जिसमें साल के 12 महीने के अलावा 13 महीने होते हैं. इस बार 19 साल बाद ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है, जिसमें अधिक मास सावन महीने में लगा है. वैसे तो अधिक मास की शुरुआत 18 जुलाई से हुई है और इसका समापन 16 अगस्त को होगा, लेकिन अधिक मास की पूर्णिमा 1 अगस्त को सुबह 3:51 पर शुरू हुआ है और समापन रात्रि 12:01 पर होगा. सावन की पूर्णिमा तिथि पर कुछ बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है