आज हम ऐसी ही कुछ तस्वीरें देखेंगे. जो इस बात का सुबूत हैं कि हमारी एक छोटी सी कोशिश भी प्रकृति में नई जान फूंक सकती है.

 

डूबने वाले का हौसला तोड़ने के लिए एक पूरा समंदर चाहिए, लेकिन उसकी उम्मीद जगाने को एक तिनका ही काफ़ी है. ये नज़रिया ही है जिसके फेर से दुनिया बदलती है. फिर बात चाहें जि़ंदगी की हो या ज़िंदगी देने वाले हमारे पर्यावरण की.

आज भले ही विकास का बुल्डोज़र प्रकृति को रौंद रहा हो, लेकिन ज़मीं में कुछ बीज अभी भी अंकुरत होने को हैं. बस उन्हें चाहिए तो आपका प्यार, ताकि वो हर रोज़ अपने ऊपर हो रहे नफ़रती वार को सह सकें.

 

 1. सवाल सिर्फ़ एक पेड़ का नहीं, बल्कि करोड़ोंं ज़िंदगियों का है.

2. विकास के लिए किसी का नाश तो ज़रूरी नहीं.

3. इससे बेहतर आपके जीवन की सुरक्षा कोई नहींं कर सकता.

4. ये है असली विकास की सीढ़ी.

5. जहां चाह, वहां राह.

6. घर के आसपास पेड़ लगाइए या फिर पेड़ के आसपास घर बनाइए.

7. ये है प्रकृति की शक्ति, जहां कुछ नहीं उग सकता, वहां भी फूल खिल उठते हैं.

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